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मारी फुलछडी सी जानु दिपक प्यार को जोड
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सारी छोरया म तुई जचगी र मारा दिल क माया बसगी
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मकर संक्रांति मोकू तुई दिख र लाड़ली उड़ती पतंगा में
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ल मारो ठेन्गों
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अखण्ड कुवारा नाचगा
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नफ़रत नाम सू हेगी
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छोरा मार प्यार की बिमारी मत दे लोंग को जोडो
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मारो सालो दिल भी बावलो हैगो र जे धोखेबाज प मरच
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सावण सावण म पतलीसी डोख्जा भोला बाबा न
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मारी चंपा चमेली जानू पप्पी गाल प मांग
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थारी आ थारी आ थारी आख्या माया काजल जान तु कुणको घाल छ
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गर्मी गर्मी म भाहेली मनाली घुमंबा चाला
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मोटो सो क्लाइंट कटगो री अब गोवा मनाली घुमंगा
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थारी कणिया प मारी भाभी कणकती टोप जमगी
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छोरा पिव हिल कि केन र भाहेला म चील करच
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