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सर्दी सर्दी मत जावै दूरी याद आवेगी थारी
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फुलझड़ी सी लागे जानू रूसी रुसी डोले री
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ज्योतिबा फूले को काम पुजाई दियो माली न
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इंनदरगढ़ की बिजासन थारो धाम गजब को लागे
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चामुंडा माता दी म्हारो हेलो सुण लिजीयो
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गजानंद को मेलो आगयो गोरी तू वि चाले न
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मथुरा मे जन्म लियो काना खुलगिया जेल का ताला
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चामुंडा माता जी म्हारो हेलो सुणलचामुंडा
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मिलवा सावन मे बुलावे गोल मटोल मुडा की
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अवका सावन मे ठोकु गी भोलेनाथ ठूकाला परणिया
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नाले धोले म्हारी फूलचड़ी श्रीजी के चाले तो
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बारिस टिप टिप बरसे छोरी म्हारे लारे भिजले आजा
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बारिस टिप टिप बरसे छोरी म्हारे लारे भिजले आजा
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छोरी तु जगह जगह सु खुट गी काई प्यार करू तोसू
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लंबी -लंबी मत फेके कोई दिन छोड़र जावेगी
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