आदत तूही पटकी च जानू रोजीनाई रोर सोबा की
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चकर मत काटपतलासा
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रोग बुरों मोहब्बत को मत पड़ ज्यों लफड़ा मे
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दिल रमाद खाल च
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लेटर खुन का देबाली थारी मन याद आव च
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